गजब है सरसों की ये Variety! जमीन के एक टुकड़े में हो जाती है 15 क्विंटल, निकलता है बंपर तेल

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गजब है सरसों की ये Variety! जमीन के एक टुकड़े में हो जाती है 15 क्विंटल, निकलता है बंपर तेल
शीर्ष किस्म की सरसों: गोंडा के किसान कोलकाता से इसके बीज मंगवाकर इसकी खेती कर रहे हैं। सरसों की यह किस्म रोगों से लड़ने में सक्षम है। सरसों की गुच्छेदार फलियाँ नीचे से ऊपर की ओर बढ़ती हैं।

 

गोंडा. प्रगतिशील किसानों के लिए खेती हमेशा से ही मुनाफे का सौदा रही है. उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के किसान शैलेंद्र प्रताप सिंह ऐसे ही किसानों में से एक हैं. इन दिनों वे सरसों की एक नई किस्म की खेती में व्यस्त हैं. इस किस्म से एक एकड़ में 15 से 16 क्विंटल सरसों की पैदावार होती है. इस किस्म को ‘गुच्छेदार सरसों’ के नाम से जाना जाता है. लोकल 18 से बात करते हुए प्रगतिशील किसान शैलेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि उन्होंने सरसों का यह बीज कोलकाता से मंगवाया है. किसान शैलेंद्र के मुताबिक, हमारे एक किसान मित्र कोलकाता में रहते हैं. उन्हें देखकर हमने भी इसकी खेती शुरू की.

नीचे से ऊपर की ओर फलियां

शैलेंद्र सिंह कहते हैं कि सरसों की इस किस्म से एक एकड़ में 15 से 16 क्विंटल उपज होती है. गुच्छेदार सरसों की फलियां नीचे से ऊपर की ओर बढ़ती हैं. एनआरसीडीआर-601 भारतीय सरसों की एक किस्म है. यह रोगों से लड़ने में सक्षम है और उच्च तापमान और लवणता को सहन कर सकती है. इसमें तेल की मात्रा 38.7 से 41.6 प्रतिशत होती है, जो आमतौर पर अन्य किस्मों की तुलना में काफी अधिक होती है.

 

बेहतर उत्पादन का मार्ग

शैलेंद्र सिंह कहते हैं कि गुच्छेदार सरसों की खासियत यह है कि इसकी फलियाँ नीचे से ऊपर की ओर बढ़ती हैं, जिससे पैदावार बढ़ती है। यह किस्म रोग प्रतिरोधी है और उच्च तापमान और लवणीय मिट्टी को भी सहन कर सकती है। इसका बाजार मूल्य भी अच्छा मिलता है। भाई शैलेंद्र सिंह जैसे किसान नई तकनीक और उन्नत बीजों का उपयोग करके बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

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