शराब को लेकर सरकार का अहम फैसला, बियर पीने वालों की हो गई मौज

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शराब को लेकर सरकार का अहम फैसला, बियर पीने वालों की हो गई मौज

पंजाब डेस्क: पंजाब में आज मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें बड़े फैसलों को मंजूरी दी गई है। वित्त मंत्री हरपाल सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बताया कि बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी दी गई है। सरकार ने साल 2025 में आबकारी नीति से 11 हजार 200 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के पंजीकरण में बदलाव किया गया है, जिसमें अब जन्म के एक साल के अंदर बच्चे का पंजीकरण न होने पर परिजनों को कोर्ट में जाकर आदेश पारित करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि अब यह काम डिप्टी कमिश्नर ही करेंगे। डॉक्टरों को मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण लिखना अनिवार्य होगा। इसके अलावा शराब तस्करी रोकने के लिए नए आबकारी थाने बनाए जाएंगे, जिसके लिए कमेटी बताएगी कि ये थाने कहां खोले जाएंगे।

वित्त मंत्री ने आगे बताया कि इस बार देसी शराब का कोटा 3 फीसदी बढ़ाया गया है। पंजाब के पूर्व सैनिकों के लिए थोक लाइसेंस फीस 5 लाख रुपये थी, जिसे घटाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा पहले फर्मों को शराब की 12 बोतलें रखने की इजाजत थी, जिसे बढ़ाकर 36 बोतलें कर दी गई हैं। बीयर की दुकानों की सीमा 2 लाख रुपये प्रति दुकान से घटाकर 25 हजार रुपये कर दी गई है। इसके साथ ही नया बॉटलिंग प्लांट लगाने को भी मंजूरी दे दी गई है। गऊ कल्याण सेस को 1 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 1.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। पहले गऊ कल्याण फीस के तौर पर 16 करोड़ रुपये वसूले जाते थे, जबकि अब 24 करोड़ रुपये वसूले जाएंगे।

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