Vivah Shagun Yojana: हरियाणा सरकार बेटी की शादी के लिए दे रही 71000 रुपये, जल्दी करें इस योजना के लिए आवेदन
हरियाणा विवाह शगुन योजना: हरियाणा विवाह शगुन योजना हरियाणा सरकार द्वारा चलाई जा रही एक वित्तीय सहायता योजना है, जिसका उद्देश्य गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत सरकार बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे), एससी/एसटी, ओबीसी और अन्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को शादी के लिए ₹51,000 तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
मुख्य विशेषताएं-Vivah Shagun Yojana
1. लाभार्थी
यह योजना अनुसूचित जाति (एससी), पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) और विधवा महिलाओं की बेटियों के लिए लागू है।
2. सहायता राशि
गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) आने वाले परिवारों की बेटियों के लिए ₹71,000।
एससी/ओबीसी श्रेणी के लिए ₹11,000 से ₹31,000।
3. आयु सीमा
लड़की की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
लड़के की आयु 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
4. आवेदन कैसे करें
आवेदन हरियाणा सरकार की वेबसाइट या अंत्योदय केंद्रों पर जाकर ऑनलाइन किया जा सकता है।
आवेदन के लिए आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और विवाह प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है।
योजना का उद्देश्य-Vivah Shagun Yojana
- गरीब परिवारों को विवाह के खर्च में मदद करना।
- दहेज प्रथा को रोकना और कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराइयों को कम करना।
- महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना।
यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सशक्त बनाने तथा बेटियों के विवाह के लिए प्रोत्साहन देने का सराहनीय प्रयास है। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना समाज में समानता एवं सशक्तिकरण का प्रतीक है। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सहायता प्रदान करना तथा बेटियों के विवाह में वित्तीय चिंताओं को कम करना है। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना
Vivah Shagun Yojana
उपायुक्त अभिषेक मीना ने बताया कि इस योजना के तहत लाभार्थियों को सहायता राशि प्रदान की जाती है, जिसमें अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति/टपरीवास जाति के लाभार्थियों (जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक है) की बेटियों की शादी पर 71,000/- रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना
पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग के व्यक्तियों (जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक है) की बेटियों की शादी पर 41,000/- रुपये की अनुदान राशि दी जाती है। सभी वर्गों की विधवा, अनाथ, तलाकशुदा, निराश्रित महिलाओं की पुत्रियों एवं उनके बच्चों के विवाह के लिए 51,000/- रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जाती है। खिलाड़ी महिलाओं (जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक है) के विवाह के लिए भी 41,000/- रुपये की सहायता राशि दी जाती है। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना
Vivah Shagun Yojana 2025
इसके साथ ही इस योजना के तहत यदि विवाह में वर-वधू दोनों ही दिव्यांग हैं तो उन्हें 51,000/- रुपये की अनुदान राशि दी जाएगी। यदि केवल वर या वधू में से कोई एक दिव्यांग है तो उसे 41,000/- रुपये की अनुदान राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना
इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को अपनी पुत्री के विवाह के 6 माह के भीतर विवाह पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल एवं आसान बनाया गया है।आवेदक विवाह पंजीकरण एवं मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के लिए shadi.edisha.gov.in पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंचाना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है।
दस्तावेज Vivah Shagun Yojana
- लड़की का जन्म प्रमाण पत्र
- स्कूल की मार्कशीट
- लड़के का जन्म प्रमाण पत्र
- स्कूल की मार्कशीट
- परिवार का राशन कार्ड
- आवेदक की बैंक पासबुक
- आधार कार्ड
- आवासीय प्रमाण पत्र
- बीपीएल नंबर
- लड़की का आधार कार्ड
- लड़के और लड़की की फोटो
- आय प्रमाण पत्र
- विवाह कार्ड
मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के उद्देश्य
मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के कई प्रमुख उद्देश्य हैं, जिनका उद्देश्य बालिकाओं, विशेष रूप से वंचित पृष्ठभूमि की लड़कियों को समर्थन और सम्मान देना है। मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- वित्तीय सहायता: बेटियों की शादी के लिए परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- यह सुनिश्चित करना कि वित्तीय बाधाएं इस महत्वपूर्ण समारोह के उत्सव में बाधा न बनें।
- विवाह पंजीकरण को प्रोत्साहित करना: कानूनी रिकॉर्ड बनाए रखना और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना।
- कानूनी रिकॉर्ड बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की जाए।
- महिलाओं की स्थिति को ऊपर उठाना और सम्मानजनक, गरिमापूर्ण विवाह सुनिश्चित करना।
- महिला सशक्तिकरण: विधवाओं, निराश्रित महिलाओं, खिलाड़ियों और अनाथ लड़कियों की बेटियों का समर्थन करना।
- सामाजिक समानता को बढ़ावा देना: अनुसूचित जाति, विमुक्त जनजाति और अन्य निम्न आय वर्ग की लड़कियों को लाभ प्रदान करना।