CBSE Board Exam: साल में दो बार होंगी बोर्ड परीक्षाएं, विशेषज्ञों ने अभिभावकों और बच्चों की उलझन दूर की

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CBSE Board Exam: साल में दो बार होंगी बोर्ड परीक्षाएं, विशेषज्ञों ने अभिभावकों और बच्चों की उलझन दूर की

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा सीबीएसई बोर्ड ने अगले साल (2026) से 10वीं की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित करने की घोषणा की है। ताकि अगर किसी कारण से पहली बार परीक्षा अच्छी नहीं जाती है, तो छात्र को सिर्फ दो-तीन महीने में दूसरा मौका मिल सके। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की इस घोषणा के बाद अभी भी कई अभिभावकों और बच्चों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

CBSE Board Exam

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए cbse board exam 2025 latest newsशिक्षा प्रणाली में कई बदलाव किए जा रहे हैं। लंबे समय से सीबीएसई बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित किए जाने को लेकर चर्चा चल रही थी। आपको बता दें कि कोविड काल में छात्रों को सुविधा देने के लिए भी ऐसा किया गया था। तब सीबीएसई बोर्ड परीक्षा दो टर्म में आयोजित की गई थी। अब अगले साल यानी 2026 से सीबीएसई ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित करने का ऐलान किया है।

बोर्ड के इस फैसले से छात्रों को क्या फायदा होगा, इस पर शहर के निजी भंडारों और शिक्षकों ने अपनी राय दी है। ऐसा माना जाता है कि साल में आयोजित होने वाले दो बार के एग्जाम से छात्रों के लिए सिलेबस का ड्राइव कम और बेहतर व अंक प्राप्त करने के लिए दूसरा अवसर परिणाम भी मिलेगा। इसके साथ ही छात्र पूरे साल परीक्षा की तैयारी में खुद को तैयार कर लेते हैं, जिससे उनका आधार भी मजबूत हो जाता है

कम हो आकर्षक फ्लाइंग गेम्स की संख्या

साल में दो बार परीक्षा से फ्लाइंग क्लास (बिना क्लास करने वाले) की संख्या काफी कम हो गई। छात्रों के पास यह च्वाइस होगा कि वे दो बार परीक्षा देना चाहते हैं, या एक बार। वहीं प्राइवेट स्कूल और चिल्ड्रन स्कूल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद का कहना है कि छात्रों के हित में केवल 10वीं कक्षा के स्तर की दो बार की परीक्षा बेहतर तरीके से आयोजित की गई है। लेकिन कॉपी जांचने की प्रक्रिया में बोर्ड ने कोई ठोस प्रस्ताव नहीं दिया है। एक बार परीक्षा आयोजित की जाती है, तो परीक्षा की तैयारी, आकलन और परिणाम प्रक्रिया में तीन महीने का समय लगता है। दो बार आयोजित परीक्षा में स्कूल प्रबंधकों का भी काफी वक्त लगा, जो छात्रों के लिए बेहतर नहीं होगा।

बेघरों के पसंदीदा ने दिया जवाब

प्रश्न- दो बार परीक्षा देने से छात्रों को सिलेबस का ड्राइव कम होगा?
जवाब- एसी झा, वर्कशॉप, डेवी पब्लिक (पुनाईचक) : जी हां बिल्कुल! सीबीएसआई बोर्ड की ओर से 10वीं कक्षा के छात्रों की परीक्षा दो बार आयोजित करने से छात्रों पर सिलेबस का दबाव काफी कम हो जाएगा। पहले और दूसरे चरण की परीक्षा में अलग-अलग यूनिट से सवाल होंगे। इससे छात्रों का आधार मजबूत होगा।

प्रश्न – दो बार उदाहरण होने का नियम कब से लागू होगा। इबोलम बार एज़्ज़ामिनेट जरूरी होगा?
उत्तर- ब्रैडर जॉनसन, उप कार्यशाला, लोयोला हाई स्कूल, (कुर्जी): ये नियम 2025-26 सत्र से लागू होंगे। इसका मतलब यह है कि वर्ष 2026 में बोर्ड एज़मेट दो बार आयोजित होगा। ऐसा नहीं है कि किसी भी मित्र को दोनों बार परीक्षा देना जरूरी होगा। मित्र के पास तीन पद होंगे- वर्ष में एक बार मूल्यांकन। या दोनों परीक्षाओं में शामिल हों या फिर किसी विषय में अच्छा पर फॉर्म न कर पाएं दूसरी बार, परीक्षा में केवल उस विषय का फिल्मांकन जारी करें।

प्रश्न – छात्रों को आगे की पढ़ाई में क्या परेशानी होगी?
उत्तर- ग्लेन गॉलस्टन, निदेशक, सेंट डोमिनिक सेवियोज हाइस्कूल: विद्यार्थियों की पढ़ाई का भार बढ़ेगा, बल्कि कम होगा। लेकिन इसका दूरगामी परिणाम बेहतर नहीं होगा। 10वीं-12वीं के सिलेबस में काफी अंतर है। विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई में अचानक वास्ट सिलेबस मिलने से अधिक परेशानी हो सकती है।

प्रश्न – छात्रों का स्वास्थ्य कैसे स्वस्थ रहेगा?
उत्तर – एमपी सिंह, वर्कशॉप, केवी, (कंकड़बाग) : छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर सबसे अधिक प्रभाव पाठ्यक्रम का लोड और परीक्षण की तैयारी का है। दो बार होने वाले परीक्षणों से विद्यार्थियों का परीक्षण बेहतर ढंग से किया जा सकेगा और उनके पास यह पद दिया जाएगा कि वह दूसरे चरण के परीक्षणों में अधिक मेहनत कर बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।

 

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