NEET UG 2025, MBBS Admission 2025:नीट यूजी और एमबीबीएस को लेकर आया सबसे बड़ा अपडेट ,जाने सुप्रीम कोर्ट ने क्या लिया फैसला

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NEET UG 2025, MBBS Admission 2025:नीट यूजी और एमबीबीएस को लेकर आया सबसे बड़ा अपडेट ,जाने सुप्रीम कोर्ट ने क्या लिया फैसला

नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट को लेकर एक नया अपडेट जारी हुआ है। अब विदेश में MBBS की पढ़ाई करने वालों के लिए NEET परीक्षा पास करना अनिवार्य कर दिया गया है। NEET UG 2025 MBBS एडमिशन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को विस्तार से पढ़ें ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके।

NEET UG 2025, MBBS एडमिशन:  NEET UG 2025, MBBS Admission 2025

अगर आप विदेशी संस्थान से MBBS करने की सोच रहे हैं, तो अब आपको सबसे पहले NEET UG परीक्षा पास करनी होगी, उसके बाद ही आप विदेश से MBBS कर पाएंगे। अब बिना NEET परीक्षा पास किए आपको विदेशी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन नहीं मिलेगा। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने विदेश से मेडिकल कोर्स करने के लिए NEET UG परीक्षा की वैधता को बरकरार रखा है, जिसके बाद अब विदेश से MBBS की पढ़ाई करने वालों को विदेशी मेडिकल संस्थानों में एडमिशन के लिए NEET UG परीक्षा पास करनी होगी।

MBBS एडमिशन गाइडलाइन: MCI के नियम को स्वीकार किया

दरअसल मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) ने एक नियम बनाया है, जिसके तहत किसी भी भारतीय छात्र को विदेशी संस्थान से MBBS की पढ़ाई करने के लिए NEET परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा। MCI के इस नियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए अब सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) के उस नियम को बदलने से इनकार कर दिया है और इस नियम को यथावत रखा है। अब भारतीय छात्रों को किसी भी देश के किसी भी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) पास करना अनिवार्य होगा। एमसीआई के 2018 के नियम के तहत विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों को मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए तय मानकों को पूरा करना होगा।

एमबीबीएस पर सुप्रीम कोर्ट: सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? NEET UG 2025, MBBS Admission 2025

इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एमसीआई के इस नियम को निष्पक्ष और पारदर्शी बताया और कहा कि यह नियम किसी भी वैधानिक प्रावधान से टकराव नहीं करता है। जस्टिस बीआर गवई और के विनोद चंद्रन की बेंच ने मामले की सुनवाई की।

नीट पीजी में डोमिसाइल कोटा क्यों खत्म किया गया?  NEET UG 2025, MBBS Admission 2025

मामले की सुनवाई कर रही तीन जजों की बेंच ने कहा, ‘हम सभी भारत के निवासी हैं। अलग से राज्य का डोमिसाइल जैसी कोई चीज नहीं है। यहां सिर्फ एक डोमिसाइल है। वह यह कि हम सभी भारत के निवासी हैं। हमें देश में कहीं भी अपना निवास चुनने का अधिकार है। हमें स्वतंत्र रूप से अपना पेशा चुनने का अधिकार है। हमारा संविधान हमें भारत में कहीं भी किसी भी शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश लेने का अधिकार भी देता है।’

एमबीबीएस में राज्य कोटा होगा या नहीं?- NEET UG 2025, MBBS Admission 2025

अब जब नीट पीजी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है, तो नीट यूजी पर भी सवाल उठ रहे हैं। लेकिन शीर्ष अदालत ने एमबीबीएस, बीडीएस जैसे कोर्स में दाखिले के लिए निवास-आधारित आरक्षण को कुछ हद तक सही ठहराया है। लेकिन पीजी के मामले में कोर्ट का कहना है कि ‘ये ऐसे कोर्स हैं जो विशेषज्ञ डॉक्टर बनाते हैं। इनमें विशेषज्ञता और विशेषज्ञता बहुत जरूरी है। ऐसे में निवास स्थान के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक होगा।’

पीजी मेडिकल: मौजूदा छात्रों का क्या होगा?- NEET UG 2025, MBBS Admission 2025

कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ताजा फैसला उन छात्रों पर लागू नहीं होगा जिन्होंने पीजी मेडिकल कोर्स में दाखिला लिया है, पढ़ाई कर रहे हैं या पास हो चुके हैं। इस फैसले से उनके भविष्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

NEET में डोमिसाइल कोटा क्या है?- NEET UG 2025, MBBS Admission 2025

मेडिकल में एडमिशन के लिए देश में सिर्फ एक एंट्रेंस एग्जाम होता है, NEET। MBBS जैसे UG कोर्स के लिए NEET UG एग्जाम और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए NEET PG एग्जाम होता है। फिर केंद्रीय स्तर पर ऑल इंडिया कोटा (AIQ) के तहत 15 फीसदी सीटों के लिए काउंसलिंग होती है। बाकी सीटों के लिए राज्य अपने स्तर पर काउंसलिंग कराते हैं। NEET स्टेट काउंसलिंग में स्टेट कोटा लागू होता है। यानी जिस राज्य में रहने वाले छात्र उस राज्य के डोमिसाइल हैं, उन्हें आरक्षण मिलता है।

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