Sukanya Samriddhi Yojana Rule Change:बेटी के भविष्य को लेकर न हों परेशान, जानें सुकन्या समृद्धि योजना में बदले नियमों की पूरी जानकारी
सुकन्या समृद्धि योजना नियम में बदलाव: सुकन्या समृद्धि योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई बच्चों के लिए एक बचत योजना है जिसका उद्देश्य बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करना और उनकी शिक्षा और विवाह से संबंधित खर्चों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान के तहत 22 जनवरी 2015 को शुरू किया गया था।
सुकन्या समृद्धि योजना नियम परिवर्तन: भारत सरकार द्वारा लड़कियों की शिक्षा और उनके उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं, उनमें से एक महत्वपूर्ण योजना सुकन्या समृद्धि योजना है। आपको पता होना चाहिए कि सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जो 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी हो गया है। यह बदलाव विशेष रूप से उन परिवारों को प्रभावित करेगा जो इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।
क्या है नया नियम
केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना में बड़ा बदलाव किया है, जो खास तौर पर बेटियों के लिए लागू है। अब इस योजना के तहत सिर्फ कानूनी अभिभावक ही बेटी के नाम पर खाता खोलने और उसे संचालित करने के पात्र होंगे।
अगर किसी लड़की का सुकन्या खाता किसी ऐसे व्यक्ति ने खोला है जो उसका कानूनी अभिभावक नहीं है, तो उस खाते को कानूनी अभिभावक के नाम पर ट्रांसफर करना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर खाता बंद किया जा सकता है।
अगर सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता दादा-दादी, चाचा-चाची या नाना-नानी ने खोला है, तो वह खाता 1 अक्टूबर से बंद हो जाएगा। खाते को बंद होने से बचाने के लिए उसे प्राकृतिक माता-पिता या कानूनी अभिभावक के नाम पर ट्रांसफर करना अनिवार्य होगा। इसका मतलब है कि ऐसे पुराने खातों को माता-पिता के नाम पर ट्रांसफर करना होगा।
इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत
- सुकन्या समृद्धि योजना के तहत अकाउंट ट्रांसफर कराने के लिए सबसे पहले आपको उस पोस्ट ऑफिस या बैंक में जाना होगा, जहां अकाउंट खुलवाया था।
- इसके बाद बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र
- माता-पिता आधार कार्ड, पैन कार्ड
- अभिभावक का निवास प्रमाण पत्र
- खाता खुलवाने वाले की पासपोर्ट साइज फोटो
- बालिका का आधार कार्ड (अगर उपलब्ध हो)
- बैंक पासबुक या पोस्ट ऑफिस अकाउंट की डिटेल
- सुकन्या समृद्धि अकाउंट नंबर और उससे जुड़े दस्तावेज
- नॉमिनी की जानकारी
- कानूनी अभिभावक का प्रमाण (अगर माता-पिता नहीं हैं)
- फॉर्म-1 (खाता खुलवाने के लिए आवेदन पत्र)
इसके बाद बैंक या पोस्ट ऑफिस का स्टाफ आपके ट्रांसफर रिक्वेस्ट की समीक्षा करेगा और वेरिफिकेशन प्रक्रिया शुरू करेगा। वेरिफिकेशन पूरा होने पर अकाउंट रिकॉर्ड को नए अभिभावक की जानकारी के साथ अपडेट कर दिया जाएगा।
आप मात्र 250 रुपये से खाता खोल सकते हैं
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) खाता खोलने की प्रक्रिया सरल है और इसे किसी भी अधिकृत डाकघर या बैंक शाखा में खोला जा सकता है। खाता खोलने के लिए आवश्यक कदम इस प्रकार हैं:
पात्रता की जाँच करें:
- खाता केवल बालिका के नाम पर खोला जा सकता है, और उसकी आयु 10 वर्ष से कम होनी चाहिए
- एक परिवार में अधिकतम दो बेटियों के लिए खाता खोला जा सकता है (विशेष परिस्थितियों में तीसरी बेटी की भी अनुमति दी जा सकती है)
दस्तावेज़ तैयार करें:
- बालिका का जन्म प्रमाण पत्र।
- अभिभावक का पहचान प्रमाण पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी)
- निवास प्रमाण पत्र (राशन कार्ड, बिजली बिल, आदि)।
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बालिका और अभिभावक का आधार कार्ड
बैंक या डाकघर में आवेदन करें:
- निकटतम डाकघर या बैंक में जाएँ और सुकन्या समृद्धि योजना खाता खोलने का फॉर्म प्राप्त करें या इसे ऑनलाइन डाउनलोड करें
- फॉर्म को सही से भरें और आवश्यक दस्तावेजों के साथ इसे जमा करें
न्यूनतम जमा राशि:
- खाता खोलने के लिए आपको न्यूनतम ₹250 जमा करने होंगे।
- आप एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम ₹1.5 लाख तक जमा कर सकते हैं।
बैंक/पोस्ट ऑफिस प्रक्रिया:
- जमा किए गए दस्तावेजों और फॉर्म की सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, आपका खाता खोला जाएगा और आपको अपने खाते की सभी जानकारी वाली पासबुक दी जाएगी।
खाता संचालन:
- खाते में नियमित जमा करें।
- खाता 21 साल या 18 साल की उम्र के बाद लड़की की शादी होने तक चलता है।
- 18 साल की उम्र के बाद आप लड़की की उच्च शिक्षा के लिए आंशिक निकासी कर सकते हैं।
- इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद, आप सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खोल सकते हैं और अपनी बेटी का भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) का उद्देश्य
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) का मुख्य उद्देश्य भारत में बालिकाओं की शिक्षा और उज्ज्वल भविष्य के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना के माध्यम से माता-पिता या अभिभावक बेटियों के लिए एक सुरक्षित बचत खाता खोल सकते हैं, ताकि उनकी शिक्षा, विवाह और अन्य आवश्यक खर्चों के लिए धन एकत्र किया जा सके।
- लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देना: इस योजना का उद्देश्य माता-पिता को अपनी बेटियों की उच्च शिक्षा के लिए बचत करने के लिए प्रेरित करना है, ताकि उनकी शिक्षा के रास्ते में कोई वित्तीय बाधा न आए।
- लड़कियों की शादी के लिए वित्तीय सहायता: शादी जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर बेटी के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना, ताकि माता-पिता को पैसे की कमी का सामना न करना पड़े।
- लड़कियों के लिए वित्तीय सुरक्षा: इस योजना के तहत बेटियों के लिए बचत करने से परिवारों को उनके भविष्य के लिए एक सुरक्षित निवेश विकल्प मिलता है, जो लंबी अवधि में फायदेमंद होता है।
- लैंगिक समानता को बढ़ावा देते हुए, बेटियों के लिए यह योजना “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान के तहत शुरू की गई थी जिसका उद्देश्य समाज में बेटियों की स्थिति को सशक्त और मजबूत बनाना है।